जीवन कोचिंग आकर्षक पक्ष कभी नहीं था-(जब तक आप प्रशिक्षण वितरण पक्ष में हैं...). सफल कोच नहीं हर कोई अपने को पता है कि ग्राहक और वे सभी को सब कुछ बनने की कोशिश मत करो लोग.
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सर्वहारा वर्ग के बलात् सत्ता कब्ज़ा कर उत्पादन के साधनों के निजी मालिकाने को ख़त्म कर डालने से पहले ही यदि कोई ये भ्रम पाले कि उत्पादन के साधनों के निजी मालिकाने को बरक़रार रखकर मात्र वितरण पक्ष को सुधार देने से ग़रीबी आदि ख़त्म हो जायेंगे तो यह पूँजीवाद की घृणित चाटुकारिता से ज़्यादा कुछ नहीं है।